Pink City Jaipur
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आज हम बात करने जा रहे हैं जयपुर (Jaipur) – राजस्थान की जिसे गुलाबी शहर (Pink City) के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर अरावली (aravali) पहाड़ियों की गोद में बसा एक सुंदर राज्य है, गुलाबी शहर- (Pink City) जयपुर की स्थापना 1727 में हुई थी और वर्तमान जयपुर, जिसे राजस्थान की राजधानी भी कहा जाता है, अपने शाही परिवारों के लिए भी प्रसिद्ध है और अपने गुलाबी रंग (Pink Color) के लिए भी प्रसिद्ध है।
जयपुर को डिजाइन करने का काम श्री विद्याधर भट्टाचार्य जी (Vidyadhar Bhattacharya) को सौंपा गया था। आज जयपुर दुनिया में रत्न (Gems Stones) के लिए एक अनोखा नाम रखता है और आज दुनिया के लगभग हर शाही परिवार में आपको जयपुर के बने रत्न देखने को मिलेंगे, भले ही आप इसे रूस के विंटर पैलेस (Winter Palace of Russia) में देखें।
आप भारत के किसी भी भाग से सीधे जयपुर पहुँच सकते हैं। जैसे दिल्ली से जयपुर (Delhi – Jaipur), आगरा से जयपुर (Agra to Jaipur) , चंडीगढ़ से जयपुर (Chandigrah to Jaipur), हैदराबाद से जयपुर (Hyderabad to Jaipur)। आपको दिन भर में कई ट्रेनें, बसें और सीधी उड़ानें मिलेंगी। दिल्ली से जयपुर के लिए सिटी बस सेवा उत्कृष्ट है। हर दिन 20 से अधिक लक्जरी बसें हैं जो दिल्ली के विभिन्न स्थानों से प्रस्थान करती हैं और जयपुर के मुख्य क्षेत्रों में पहुंचती हैं। आप दिल्ली से जयपुर के लिए वोल्वो बस (volvo bus) ले सकते हैं, और यह लगभग 3 – 3.5 घंटे लेती है । सिंधी कैंप (Sindhi Camp), इसे सेंट्रल बस स्टैंड कहा जाता है, और जयपुर का मुख्य रेलवे स्टेशन (Main Railway Station) भी पास में है।
अब बात करते हैं जयपुर के इतिहास की – गुलाबी शहर की कहानी कुछ इस प्रकार है: 1876 में, वेल्स के राजकुमार (prince of wales) भारत आए थे, और उस समय जयपुर का नाम पिंक सिटी के रूप में आया था । राजा श्री राम सिंह जी (King Ram Singh) ने निर्देश दिया था कि पूरे जयपुर को गुलाबी रंग से सजाया जाए, जो अपने आप में अद्भुत दृश्य है कि आज भी जयपुर शहर के अंदर की सभी इमारतें मकान और विशेषकर सरकारी इमारतें (government buildings) हैं। सभी गुलाबी रंग में रंगे हुए हैं। 1727 में जयपुर ने अपनी उत्पत्ति का पता लगाया जब इसकी स्थापना अंबर के राजा जय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी जब इसने बहुत तेज़ी से गति प्राप्त की थी, और पानी की बढ़ती कमी के कारण उन्होंने अपनी राजधानी (Capital) परिवर्तित की।
अगर कोई भारत आने की सोचता है, तो पिंक सिटी उसकी टॉप लिस्ट (Top List) में होता है। गुलाबी शहर अपने आतिथ्य (hospitality), अपने रंगीन त्योहारों और स्ट्रीट फूड के लिए प्रसिद्ध है।
जब भी कोई मेहमान जयपुर आता है और यहां कुछ दिन बिताने के बाद उसका वापिस अपने देश जाने का समय आता है तो वह पल गेस्ट के लिए सबसे दुखद होता है , क्योंकि जयपुर उसके दिलो-दिमाग में बस जाता है।
समय के साथ, गुलाबी शहर ने भी अपना आकार बदल लिया, अपना रंग बदल लिया, जयपुर बहुत तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है और अब यह एक विशाल कंक्रीट जंगल में बदल रहा है।
लेकिन शायद किसी भी शहर के लिए उसका आधुनिकीकरण (moderation) उतना ही जरूरी है , जितना जरूरी है शहर को अपनी परंपराओं को जीवित रखना ।
और गुलाबी शहर अब तक इन सभी चीजों में पूरी तरह से सफल रहा है, इसने अपनी संस्कृति और परंपराओं को बरकरार रखा है और अभी भी विदेशी पर्यटकों के मन में अपनी अमिट छाप छोड़ता है।
जयपुर को गुलाबी शहर के रूप में भी जाना जाता है और आगमन पर, आगंतुक (visitors) तुरंत नाम के पीछे के तर्क को समझते हैं। बाउंड्री वॉल के ऐतिहासिक केंद्र की हर इमारत को पिंक कलर से पेंट किया गया है।
जयपुर के गुलाबी शहर का इतिहास ऐसा है कि जब राजकुमार अल्बर्ट (Prince Albert) और रानी विक्टोरिया (Princess Victoria) की भारत यात्रा 1876 में तय हुई थी, तब यह आदेश जैपर के शाही परिवार के महाराजा राम सिंह ने उनका स्वागत करने और उनके आदेश के अनुपालन में दिया था। पूरे जयपुर शहर को गुलाबी रंग में रंगा गया। गुलाबी रंग का इतिहास यह है कि यह आतिथ्य का प्रतीक है और यह दोस्ती – बढ़ाने के लिए माना जाता है।
लेकिन समय बीतने के साथ-साथ यह गुलाबी रंग की प्रथा से लुप्त होने लगा और राजस्थान सरकार को यह लग रहा है कि गुलाबी शहर का नाम कहीं खो रहा है, इसलिए इसके बारे में कई कानून बनाए जाने चाहिए, सभी इमारतों के चेहरे गुलाबी रंग के तहत शहर को अनिवार्य बनाया-जाए।
विभिन्न हवेलियों (havelis), महलों में आज भी जयपुर का गौरवशाली इतिहास जीवित है। कुछ महलों में – जयपुर का शाही परिवार अभी भी निवास करता है। इन महलों के आगंतुकों को इन महलों की उत्तम नक्काशी और उनके इंटीरियर को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
वैसे तो जयपुर में देखने लायक बहुत सी जगहें हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध हैं – हवा महल (Hawa Mahal) , आमेर किला (Amer Fort), सिटी पैलेस (City Palce), जंतर मंतर (Jantar Mantar) , बिड़ला मंदिर(Birla Mandir), मोती डूंगरी (Moti Dungari) मंदिर और जयपुर हाट (Jaipur Haat) और बाजार। पर्यटन के लिए जयपुर रत्नों और पत्थरों के क्षेत्र में भी एक विशेष स्थान बनाया है।आज जयपुर पूरी दुनिया में गेम्स – स्टोन्स निर्यात करने वाला सबसे बड़ा राज्य बन गया है। जयपुर में बने आभूषणों की भी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है।
राजस्थानी आभूषण
जयपुर कैसे पहुंचे?
ट्रैन से जयपुर !!!
जयपुर जंक्शन, जयपुर का मुख्य रेलवे स्टेशन भी है और सिटी के बीचो-बीच बना हुआ है । रेलवे स्टेशन से केंद्रीय बस स्टेशन की दूरी कुछ तो कदमों की है। रेलवे स्टेशन के बाहर आपको सिटी बस, टैक्सी और रिक्शा आसानी से मिल सकता है ।
जब भी आप बस या ट्रेन से उतरकर स्टेशन से बाहर आते हैं, तो बाहर आते ही ऑटो ड्राइवर चारों ओर से घेर लेंगे और आपको अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देंगे । आप इन प्रलोभनमें ना आएं और अपनी निर्धारित किए हुए गंतव्य स्थान पर जाएं ।
किसी भी नई जगह जब आप जाते हैं तो अच्छा होता है कि आप उस जगह के बारे में कुछ रिसर्च कर ले, ताकि आप वहां अपनी जेब कटवा कर ना आए ।
जयपुर वैसे बहुत सुरक्षित शहर है , लेकिन टूरिस्ट हर जगह ठगे जाते हैं। यह भी सत्य है । स्टेशन से बाहर निकलते ही आपको टूरिस्ट एजेंट चारों ओर से घेर लेते है ,और आपको अलग-अलग प्रकार के टूरिस्ट पैकेज दिखाएंगे उस समय आप जल्दबाजी में कुछ भी ना करें और ज्यादा हो तो आप उनसे उनका मोबाइल नंबर ले लेवे और बोल दे अभी मैं थका हुआ हूं रेस्ट करने के बाद आपको कॉल करूंगा । अपने निर्धारित किए हुए होटल में जाइए और वहां सेटल होने के बाद आगे का अपना प्रोग्राम निर्धारित करें
जयपुर एयरपोर्ट
जयपुर का अपना हवाई अड्डा (Airport) भी है, इसलिए यदि आप पहले से ही भारत के भीतर यात्रा कर रहे हैं, तो कुछ सप्ताह पहले घरेलू उड़ान प्राप्त करना सस्ता हो सकता है।
1 या 2 दिन में जयपुर पिंक सिटी !!!
क्योंकि जयपुर (Jaipur) भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बन गया है, इसलिए यहाँ आने वाले पर्यटक के मन में यह सवाल जरूर आता है कि हम कितने दिनों में गुलाबी शहर को घूम सकते है,क्या जयपुर को 1 दिन या 2 दिन में पूरी तरह से देखा जा सकता है? ये दोहराव वाले सवाल हैं और मैं इस ब्लॉग में इन सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करूंगा।
हां, हम एक दिन में गुलाबी शहर के मुख्य पर्यटन स्थानों को घूम सकते हैं, लेकिन इससे आपका शेड्यूल (Schedule) बहुत तंग हो जाएगा और आप अपने हिसाब से हर जगह पर समय नहीं बिता पाएंगे, इसलिए आप 2 या 3 दिन मान सकते हैं पूरी तरह से गुलाबी शहर के लिए।
लेकिन अगर आप गुलाबी शहर के मानक पर्यटन स्थल के अलावा आसपास के क्षेत्र को देखना चाहते हैं, तो 4 से 5 दिन का समय लें क्योंकि जयपुर के आसपास के इलाके अभी भी देखने में बहुत अच्छे हैं।
जयपुर में पर्यटन स्थल / Places to Visit in Pink City Jaipur
जयपुर में घूमने की जगहें / Best Places to Visit in Pink City,Jaipur
गोविंद देवजी
गोविंद देव जी (Govind Devi Ji)का मंदिर जयपुर वासियों के लिए उनके दिल में एक विशेष स्थान रखता है। अधिकांश जयपुरवासी अपने दिन की शुरुआत गोविंद देव जी मंदिर में जाकर करते हैं, और वे उन्हें याद करके अपना कोई भी शुभ काम शुरू करते हैं। यद्यपि मंदिर पूरे दिन खुला रहता है, लेकिन पूर्व निर्धारित स्लॉट्स के दौरान ही ठाकुर जी के दर्शन होते हैं ठाकुर जी की पहली आरती सुबह 4:30 बजे होती है, जिसे मंगला आरती भी कहा जाता है, लेकिन यह आगंतुकों के लिए बहुत जल्दी हो जाती है, जिसके लिए आगंतुक 7:30 और 9:30 के बीच आरती में शामिल होते हैं। झाँकी की अवधि आधे घंटे की होती है, और कहा जाता है कि वहाँ का वातावरण उस समय बहुत ही जादुई और अलौकिक हो जाता है।
हवा महल
पैलेस ऑफ विंड्स या हवा महल सुबह की तेज धूप के साथ तेजस्वी दिखता है, जो संरचना को रोशन करता है।
हवा महल (Hawa Mahal) के आसपास का क्षेत्र भीड़भाड़ वाला है और मेट्रो कार्य प्रगति पर है, यहां दिनभर भीड़ की रेलम पेल रहती है। यदि आप अन्वेषण के मूड में हैं, तो हवा महल के पीछे की इमारत को देखना एक अच्छा विचार है। आपको बड़ी चौपड़ (Badi Chopad) के पास त्रिपोलिया बाजार (tripolia bazar) से प्रवेश मिलेगा। वास्तुकला,अन्वेषण और फोटोग्राफिक अवसरों से प्यार करने वालों के लिए अत्यधिक लोकप्रिय है
इसके अलावा,यहाँ से आप पुरे जयपुर शहर का बर्ड ऑय व्यू (Bird Eye View) देख सकते है जो अपने आप में बड़ा अद्भुत होता है।
प्रवेश शुल्क और समय:-
हवा महल विजिटिंग आवर्स से खुला है – 9.30 AM – 5.00 PM,
भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क: 50 रु। विदेशियों के लिए प्रवेश शुल्क: 200 रुपये।
जंतर मंतर
जंतर मंतर (Jantar Mantar) , एक 300 साल पुरानी सौर वेधशाला (architectural astronomical instruments ) है जो आज भी पूर्ण रूप से कार्यात्मक है। इन उपकरणों से रीडिंग आधुनिक गैजेट्स (gadgets) के साथ निकटता से मेल खाती है। महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा शहरों में निर्धारित जंतर मंतर जयपुर में अभी भी बरकरार है ,और अच्छी तरह से बनाए रखी गई है जिसकी प्रत्येक उपकरण में एक सूचना बोर्ड होता है। एक गाइड को काम करने की अपेक्षा की जाती है क्योंकि वहां बता सकता है कि प्रत्येक उपकरण कैसे कार्य करता है, एक अन्य विकल्प ऑडियो गाइड है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee) और समय वयस्क: –
50 रुपये प्रति व्यक्ति (भारतीय),
15 रुपये प्रति व्यक्ति भारतीय छात्र के लिए।
विदेशी पर्यटक: – प्रति व्यक्ति 200 रुपये।
विदेशी छात्र के लिए 100 रुपये।
जयपुर सिटी पैलेस
सिटी पैलेस (City Palace) जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई सिंह द्वितीय द्वारा बनाया गया था। यह राजपूत और मुगल वास्तुकला के मिश्रण का एक जीताजागता उदहारण है अंतिम शासक शाही परिवार अभी भी इस किले के एक निजी खंड में रहता है और इसे आम जनता के लिए नहीं खोला गया है। मुबारक महल (mubarak mahal) और रानी का महल (Rani ka Mahal) सराहनीय है। एक संग्रहालय भी है जिसके अंदर शानदार पश्मीना शॉल (pashmina shawl) का संग्रह है।
प्रवेश शुल्क और समय:-
सिटी पैलेस जयपुर का प्रवेश शुल्क INR 130 से INR 500 तक है।
भारतीयों के लिए – INR 130
बच्चों के लिए – INR 70
विदेशी पर्यटक – INR 500
फोटोग्राफी शुल्क – INR 50
वीडियोग्राफी शुल्क – INR 150
सीनियर सिटीजन फीस -INR 110
ऑडियो गाइड – INR 200
नोट: यह एक गाइड या एक ऑडियो गाइड ले जाने के लिए अत्यधिक अनुशंसित है, पूरे महल का एक समग्र दृश्य प्राप्त करने के लिए।
सिटी पैलेस हर दिन लगभग 9:30 बजे खुलता है और आपको सिटी पैलेस घूमने में कम से कम 3 घंटे लगते हैं। सिटी पैलेस संग्रहालय दो अलग-अलग जगह हैं जहां आप पूछ सकते हैं और इसके लिए टिकट प्राप्त कर सकते हैं। जयपुर जाने के लिए अक्टूबर से मार्च सबसे अच्छा महीना है।
जयपुर फ़ोर्ट्स / Jaipur Forts
आमेर का किला
जयपुर का गौरव माना जाने वाला आमेर किला (Amer Fort) जयपुर से 11 किमी की दूरी पर स्थित है। इस किले को अरावली पर्वत की चोटी पर बनाया गया था, इस कारण इसकी भव्यता दूर से ही दिखाई देती है।
यह गुलाबी और पीले बलुआ पत्थर (sandstone) से बना है,जब सूरज की पहली किरण इस पर पड़ती है, और ऐसा लगता है कि यह किला सोने से बना है। 1552 ई. में, राजा मानसिंह प्रथम, जिसे अकबर का सबसे खास व्यक्ति माना जाता था, ने इस किले का निर्माण किया और राजपूत शासकों का निवास स्थान भी रहा है।
इस किले को लंबे समय तक भूलभुलैया के रूप में भी जाना जाता है,क्योंकि यहां आने वाले यात्री अक्सर अपना रास्ता भूल जाते हैं और इसके लिए मैं चक्कर लगाता रहता हूं। इस किले का भारतीय इतिहास में भी महत्वपूर्ण स्थान है।
खुलने का समय:-
शनिवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
रविवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
सोमवार 8 am5:30pm, 6: 30–9: 15 pm,
मंगलवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
बुधवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
गुरुवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
शुक्रवार सुबह 8–5:30 बजे, 6: 30–9: 15 बजे,
प्रवेश टिकट:
कंपोजिट टिकट, भारतीयों के लिए 300 रुपये और विदेशियों के लिए 1,000 रुपये का शुल्क उपलब्ध है। ये टिकट दो दिनों के लिए वैध हैं और इनमें अम्बर किला, नाहरगढ़ किला, हवा महल, जंतर मंतर वेधशाला और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय शामिल हैं। रात में अंबर किले में प्रवेश करने के लिए विदेशियों और भारतीयों दोनों के लिए 100 रुपये खर्च होते हैं।
आमेर कैसे पहुंचे:-
सिटी बस , ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या कार जयपुर में उपलब्ध हैं। आप अजमेरी गेट (ajmeri gate)और एमआई रोड से आमेर शहर के लिए सार्वजनिक बसों में सवार हो सकते हैं। किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है, इसलिए वहाँ पहुँचने के लिए, आप या तो पैदल जा सकते हैं या हाथी की सवारी कर सकते हैं। किले में हाथी की सवारी का रोमांच और आनंद का अनुभव करें।
जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर, आमेर किला, भारत के शानदार किलों में से एक है। यह किला राजस्थान का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध किला है। किले के भीतर, आप हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की वास्तुकला का शानदार मिश्रण देख सकते हैं। शीला देवी मंदिर और गणेश पोल इसके लिए मुख्य स्थानों में से एक हैं, और यह एक द्वार भी है जो राजाओं के महलों की ओर जाता है। यह किला गुलाबी और पीले बलुआ पत्थर से बना है, और जब सुबह की पहली किरणें इस किले से टकराईं, तो यह किला सोने से बना हुआ लग रहा है।
ट्रेन द्वारा:-
आमेर किला जयपुर रेलवे स्टेशन से केवल 13 किमी दूर है जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप यहां से आमेर किले तक पहुंचने के लिए बस में सवार हो सकते हैं या टैक्सी ले सकते हैं।
हवाई मार्ग से:
जयपुर हवाई अड्डा आमेर किले से लगभग 20 किमी दूर है। हवाई अड्डे पर भारत के सभी प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें हैं। आमेर किले तक पहुंचने के लिए आप बस से टैक्सी या यात्रा कर सकते हैं।
अब आप रात में आमेर में एक साउंड और लेजर शो का आनंद ले सकते हैं, यह लगभग 50 मिनट के शो है।
समय हैं: – अंग्रेजी: शाम 7:30, हिंदी: रात्रि 8:30 pm
प्रवेश शुल्क: – 300 प्रति व्यक्ति
जयगढ़ का किला
आमेर किले के बाद, दूसरा प्रसिद्ध किला जयगढ़ किला है, जयगढ़ का किला 1726 में राजा जय सिंह ने अंबर और उनके जिले की सुरक्षा के लिए बनवाया था। इसे चेले का टीला भी कहा जाता है।
किले का इतिहास जयगढ़
किला 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में निर्मित एक भव्य संरचना है। आमेर, जिस शहर में जयगढ़ और आमेर का किला स्थित है, उस पर 10 वीं शताब्दी के प्रारंभ से कछवाहों का शासन था। मुगल राजवंश के दौरान, जयगढ़ किला उनके साम्राज्य की मुख्य तोप फाउंड्री बन गया और युद्ध के लिए आवश्यक गोला बारूद और अन्य धातु को संग्रहीत करने के लिए भंडारण गढ़ के रूप में भी इस्तेमाल किया गया था। 1658 में मुगल वंश में टूटने के बाद, जयगढ़ किले में तोप चौकी की रक्षा की गई, जब तक कि रक्षक दारा शिकोह को अपने ही भाई औरंगजेब ने पराजित कर दिया और मार डाला। बाद में, किले को जय सिंह II को सौंप दिया गया था और उन्हें किले के अंदर उपकरणों और ढलाई का उपयोग करने के साथ-साथ महान ‘जयवाना तोप’ ढाला गया था।
महत्वपूर्ण लड़ाई
जयगढ़ किले को युद्ध में कभी नहीं जीता गया था, और जयपुर में तीन किलों में से सबसे मजबूत भी था। मुगल वंश के दौरान, औरंगज़ेब द्वारा किले ने एक गवाही दी थी जिसने किले में तोप चौकी के ओवरसियर रहे अपने ही भाई को हराया और मार दिया था। इसके अलावा, किले ने कभी कोई बड़ा प्रतिरोध नहीं देखा, और केवल एक बार दुनिया की सबसे बड़ी तोप का परीक्षण किया!
आसपास के पर्यटक आकर्षण
- आमेर का किला
- विजय गढ़
- अरावली की पहाड़ियाँ
जयगढ़ किला एक महलनुमा संरचना है, जो “चील का टीला” की पहाड़ियों पर स्थित है, जो मुकुट पर एक आभूषण के समान है। विद्याधर नामक प्रतिभाशाली वास्तुकार द्वारा डिज़ाइन किया गया किला शहर के समृद्ध इतिहास का एक रीगल अनुस्मारक है और इसका नाम जय सिंह II के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इस किले का निर्माण कराया था।
जयगढ़ किले का समय: –
9:30am–4:45pm
जयगढ़ किले में प्रवेश शुल्क
भारतीयों के लिए प्रति व्यक्ति 35.0, विदेशी पर्यटकों के लिए 85.0 प्रति व्यक्ति,
इस जगह की प्रवेश टिकट की कीमत अपने शुरुआती समय के दौरान जगह के प्रवेश और यात्रा के लिए आधिकारिक शुल्क है।
नाहरगढ़ का किला
नाहरगढ़ किला अरावली पहाड़ियों के किनारे पर खड़ा है, जो भारत के राजस्थान राज्य में जयपुर शहर को दर्शाता है।
आमेर किले और जयगढ़ किले के साथ, नाहरगढ़ ने एक बार शहर के लिए एक मजबूत रक्षा रिंग बनाई थी।
खासियत :-
इतिहास, दर्शनीय दृश्य और मध्ययुगीन वास्तुकला।
प्रवेश शुल्क: –
भारतीय नागरिकों के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति, भारतीय छात्रों के लिए 5 रुपये प्रति व्यक्ति।
विदेशी छात्रों के लिए 25 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिए आरएस 200 / – प्रति व्यक्ति।
खुलने का समय: – 10:00 पूर्वाह्न – 5:30 बजे (दैनिक) विजिटिंग अवधि: – 2-3 घंटे
बिड़ला मंदिर
बिड़ला मंदिर जयपुर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। मंदिर का निर्माण श्री Shri. B.M. Birla 1988 में बिड़ला और बिड़ला फाउंडेशन ने करता था। यह मंदिर पूरी तरह से सफेद संगमरमर से निर्मित है। बिड़ला मंदिर लक्ष्मी नारायण का मंदिर है, और इसे मोती डूंगरी के पास बनाया गया है, जो सफेद संगमरमर से बना है, ऐसा लगता है जैसे सूरज उग रहा है, हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है, यह मंदिर देखने लायक है।
बिरला मंदिर में तीन गुंबद बनाए गए हैं, जिसमें तीन धर्मों को भी दर्शाया गया है। मंदिर के अंदर की दीवारों पर गीता के चित्र अंकित हैं, और दीवारों को बहुत खूबसूरती से सजाया गया है। गीता के अलावा, मंदिर की भीतरी दीवारों पर कई अन्य सुंदर आकृतियाँ बनाई गई हैं; यह मंदिर की सुंदरता में इजाफा करता है। यह मंदिर की वास्तुकला में देखने लायक है। मंदिर के बाहर एक बड़ा बगीचा बनाया गया है। मंदिर के अंदर तस्वीरें लेना मना है, लेकिन हम मंदिर के प्रांगण के बाहर की तस्वीरें ले सकते हैं, मंदिर के गेट के पास एक स्नैक्स की दुकान भी, जहाँ से आप हल्का नाश्ता और कोल्ड ड्रिंक ले सकते हैं। इस मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा लक्ष्मी नारायण की विशाल मूर्ति है। इस मूर्ति को एक ही पत्थर से बनाया गया है और इसे बहुत सुंदर दिखने के लिए बनाया गया है, और आइकन को खूबसूरती से सजाया गया है और इसे एक भव्य पोशाक पहनाया गया है। भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति के अलावा, भगवान की अन्य मूर्तियां हैं, भगवान गणेश की मूर्ति, जो समान रूप से आश्चर्यजनक और प्रशंसनीय है।
कैसे पहुंचे बिड़ला मंदिर, जयपुर
एयरपोर्ट से-
शहर का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बिड़ला मंदिर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक बार जब पर्यटक हवाई अड्डे पर पहुंच जाते हैं, तो वे आसानी से बिरला मंदिर पहुंचने के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।
बस / रेलवे स्टेशन से:-
आप बिरला मंदिर के लिए बस या रेलवे स्टेशन से ऑटो , टैक्सी और Tuk- Tuk कर सकते है।
ताड़केश्वर मंदिर
तारकेश्वर महादेव मंदिर , जयपुर में तारकेश्वर जी मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। यह प्रसिद्ध तीर्थस्थल भगवान् “शिव” को समर्पित है और इसे 1784 में स्थापित किया गया था। संत-गर्भगृह के अंदर स्थित शिवलिंग काले पत्थर (संगमरमर) से बना है। यह महादेव हिंदू मंदिर जयपुर शहर में एक बहुत प्राचीन और सबसे पुराना मंदिर है।
त्यौहार-
महाशिवरात्रि, दीपावली, नृसिंह लीला और, अन्नकूट हर साल इस मंदिर के अंदर एक उत्सव और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
हर सोमवार को महादेव की विशेष पूजा का दिन होता है।
मंदिर का समय
Day | Morning | Evening |
---|---|---|
Every Day | 4.00 AM | 11.30 PM |
गढ़ गणेश मंदिर
मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर कदम्ब डूंगरी के शीर्ष पर स्थित है। मंदिर नाहरगढ़ किले के सामने और जयपुर शहर के एक तरफ से दिखता है। यह नॉर्थ ईस्ट (वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोन) शहर की सीमा के रूप में कार्य करता है।
गढ़ गणेश मंदिर का इतिहास
राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा एक किले को परिवर्तित करके इस मंदिर के रूप में बनाया गया था जब से इस मंदिर का निर्माण हुआ यह जयपुर वासियों के लिए के लिए बड़ा शुभ साबित हुआ जयपुर का निर्माण होने से पहले राजा जयसिंह को अश्वमेध यज्ञ करना था उसके लिए इस मंदिर की स्थापना की गई थी यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना बताया जाता है
रोचक गढ़ गणेश मंदिर तथ्य
1) गुलाबी शहर के विपरीत यह मंदिर पीले रंग का है।
2)मंदिर तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता 500 मीटर तक ट्रेकिंग है।
3)मंदिर में 365 सीढ़ियाँ हैं, जो वर्ष के 365 दिनों को दर्शाती हैं।
4)यह मंदिर तांत्रिक अनुष्ठानों का उपयोग करके बनाया गया था।
5)कई सालों से इस मंदिर में बिजली नहीं थी। यह स्थानीय नेता स्वर्गीय गिरधारी लाल भार्गव के प्रयासों से था कि मंदिर का विद्युतीकरण किया गया था।
6)जयपुर के महाराजा हर सुबह दूरबीन का उपयोग कर मूर्ति देखते हैं।
चंद बावरी, स्टेप वेल
वहाँ कैसे पहुँचें: –
आभानेरी राजस्थान के दौसा जिले में है, जो जयपुर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। जयपुर से एक दिन की यात्रा के रूप में करना सबसे अच्छा है। रास्ते में, आप भानगढ़ किला भी देख सकते हैं – जो भारत का सबसे प्रेतवाधित स्थान है। इस जगह को देखने के लिए आपको 30-60 मिनट का समय चाहिए। मैंने लगभग 2 घंटे बिताए क्योंकि मैं सभी संभावित मूर्तियों की खोज कर रहा था। साइट पर मार्गदर्शिकाएँ उपलब्ध हैं, लेकिन यदि आपने इस पोस्ट को पढ़ा है, तो आपको वास्तव में उनकी आवश्यकता नहीं होगी।
हर्षत माता मंदिर
पश्चिम में लगभग 100 मीटर एक गुंबददार छत के साथ एकांत मंदिर है। यह हर्षत माता को समर्पित है जिन्हें कई ग्रंथों में हरसिद्धि माता के रूप में भी जाना जाता है। वह खुशी और खुशी की देवी माना जाता है। अब उनका आशीर्वाद किसे अच्छा नहीं लगेगा। हर्षत माता मंदिर उसी समय राजा द्वारा बनाया गया था। वास्तव में, प्राचीन stepwell हमेशा एक प्रमुख मंदिर के बगल में स्थित थे। एकमात्र अपवाद मैंने देखा है पाटी में रानी की वाव। यह एक उच्च मंच पर एक छोटा सा मंदिर है जिसे आपको सीढ़ियों के माध्यम से देखने की आवश्यकता है।
जयपुर - खरीदारी
जयपुर में खरीदारी का सबसे अच्छा स्थान 2020
- Johari Bazaar – For Jewelry
- Tripolia Bazaar – For Bangles
- Chandpole Bazaar – For Handicrafts
- Kishanpole Bazaar – For Textiles
- Nehru Bazaar – For Traditional Jootis
- Sireh Deori Bazaar – For Street Shopping
- Bapu Bazaar – For All Jaipuri Items
- Mirza Ismail Road (MI Road) – For Pottery
- Tibbati Market – For Local Souvenirs
- Anokhi – For Colorful Garments
- Gaurav Tower – For Local Products
- The Gem Palace – For Antique Charms
- Kripal Kumbh – For Blue Pottery
- Aravali Bazaar – For Home Decor Items
- Purohit Ji Ka Katla – For Wedding Items
- Teatro Dhora – A Stylish Multi-Brand Store
- Jaipur Pink – A Designer Souvenir Store
पिंक सिटी भारत का सबसे बड़ा और सभी प्रकार के गहनों का सबसे शानदार संग्रह है। आभूषणों और कपड़ों के लिए मशहूर जयपुर में उन लोगों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है जो दोनों को प्यार करते हैं। पिंक सिटी में कीमती पत्थर, रत्न, अर्ध-कीमती पत्थर और सीमित वारंटी के साथ गहने बेचने वाले कई प्रसिद्ध बाजार हैं, और जोहरी बाज़ार जयपुर की सबसे शुरुआती शॉपिंग जगहों में से एक है जहाँ से आप ये सब खरीद सकते हैं। पसंद और अद्भुत डिजाइनों का ढेर इसे जयपुर में खरीदारी करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक बनाता है और, यह आपको मंत्रमुग्ध कर देगा, विशेष रूप से अद्भुत हस्तनिर्मित, गहने।
विशेषता:-कीमती रत्न शामिल हैं, और हस्तनिर्मित हार गुलाबी शहर में खरीदने के लिए सबसे अच्छी चीजें हैं जो इस गुलाबी शहर के बाजार में उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं।
खुलने का समय:-सभी 7 दिन खुला |जोहरी बाजार समय – सुबह 10 बजे से 11 बजे तकस्थान:-जौहरी बाजार, गंगोरी बाजार
निकटतम बस स्टॉप:बड़ी चौपड़
त्रिपोलिया बाज़ार अपने लाख के गहनों और चूड़ियों की खूबसूरत किस्मों के लिए जाना जाता है। यह चूड़ियों और इसी तरह की वस्तुओं के लिए पिंक सिटी में खरीदारी करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। त्रिपोलिया बाजार में वस्त्रों की खरीदारी करें। लोकप्रिय बंदिनी टाई और अमीर कढ़ाई वाले डाई कपड़े भी यहां उपलब्ध हैं। चूंकि आप यहां डिजाइनर कालीन, पीतल के बर्तन और अन्य पारंपरिक परिधान भी खरीद सकते हैं, इसलिए इस बाजार को जयपुर में खरीदारी करने के लिए सबसे अद्भुत स्थानों में से एक माना जा सकता है।
विशेषता: लाख के गहनों की खरीदारी करें जो इस जयपुर खरीदारी स्थान पर उत्तम डिजाइन के साथ आता है।
खुला: 7 दिन खुला | त्रिपोलिया बाजार समय – सुबह 10 से शाम 7 बजे तक स्थान: त्रिपोलिया बाजार, कंवर नगर
निकटतम बस स्टॉप: छोटी चौपड़ बस स्टॉप
चांदपोल बाजार, गुलाबी शहर में पारंपरिक खरीदारी बाजारों में से एक है, जहां रचनात्मकता जीवित है; जहाँ आप हस्तशिल्प, संगमरमर और अन्य हाथ-करघे से बनी नक्काशी खरीद सकते हैं। Khazanewalon ka Rasta में, आप पारंपरिक और शानदार जूतों, सुंदर हस्तशिल्प, लकड़ी और पत्थरों, कालीनों, पगड़ियों या किसी भी चीज़ से बनी परफेक्ट मूर्तियों की खरीदारी कर सकते हैं, जो आपको बिल्कुल पसंद हैं!
विशेषता: संगमरमर की मूर्तियों के लिए खरीदारी करना न भूलें, जो सभी रंगों और डिजाइनों में आती हैं
खुला: 7 दिन खुला | चांदपोल बाजार का समय – सुबह 11 बजे
स्थान: इंदिरा बाजार, तोपखाना देश, झोटवाड़ा
निकटतम बस स्टॉप: छोटी चोपड़ बस स्टॉप
किशनपोल सबसे अच्छी तरह से टेक्सटाइल सामानों के लिए जाना जाता है, जिन्हें उचित मूल्य पर खरीदा जा सकता है। यह खरीदारी के लिए गुलाबी शहर में जाने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है, अपने प्रियजनों को कुछ लकड़ी के स्मृति चिन्ह प्राप्त करने के लिए; किशनपोल बाजार कई कुशल कलाकारों का घर है जो अपनी अनूठी लकड़ी की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं।
विशेषता: इस गुलाबी शहर की खरीदारी की जगह पर लकड़ी की अद्भुत मूर्तियां और स्मृति चिन्ह देखें
खुला: 7 दिन खुला | किशनपोल बाजार समय – सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक
स्थान: किशनपोल बाजार
निकटतम बस स्टॉप: छोटी चौपड़ बस स्टॉप
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Frequently Asked Questions
Honest Answer Questions
जयपुर (Pink City, Jaipur) में कई काम करने हैं। दिन के दौरान आप जयपुर (Jaipur) के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को देख सकते हैं, और जब शाम को सूरज की गर्मी कम हो जाती है, तो आप जयपुर में खरीदारी का आनंद ले सकते हैं या जयपुर अपने हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है, और जयपुर का स्ट्रीट फूड भी स्वादिष्ट है । आप यहां से एक बैंडेज साड़ी भी खरीद सकते हैं।
Maharaja Sawai Jai Singh (1727)
281 K.M Via NH-8
Golgappa :- Chawla’s and Nand’s
Pyaaz Kachori :- Rawat Mishthan Bhandar
Masala Chai:- Gulab Ji Chaiwala
Best of Indian Street Food:-Masala Chowk
Kaathi Roll:- Al Bake
Pav Bhaji:- Pandit’s
Omelette:- Sanjay’s
Chicken Tikka:-Sethi Bar-Be-Que
Lassi:- Lassiwala
Shrikhand:-Falahaar
Kulfi Faluda:-Bapu Bazaar
Sweets from Laxmi Mishthan Bhandar (LMB)
Fast Food:-Aunty’s Cafe
Cold Coffee:- Gyan Vihar Dairy (GVD)
Famous Rajasthani Song
जयपुर में रात में घूमने के स्थान / जयपुर में रात के बाहर के स्थान (Places to visit in Jaipur at night / Night out places in Jaipur)
Naaharagadh ka kila
Chokhee dhaanee
Hava mahal
Jal mahal
Aamer ka kila
Ambar kile ka deevaan-e-aam
Da stechyoo sarkal
Davaahar sarkil gaardan
Choolagiree hils
Sisodiya raanee baag
Javaahar kala kendr
Jayapur baar stok eksachenj
Sokoro – kraun plaaja jayapur
Raaj mandir sinema
जयपुर में होटल / जयपुर में सर्वश्रेष्ठ होटल (Hotels in Jaipur / Best Hotels in Jaipur)
Rambagh Palace
The Oberoi Rajvilas Jaipur
Crowne Plaza Jaipur Tonk Road
Hilton Jaipur
Le Meridien Jaipur Resort & Spa
Samode Haveli
Royal Heritage Haveli
Umaid Mahal - Heritage Style Hotel
Mahal Khandela-A Heritage Hotel & Spa
Cygnett Inn Grand 4 stars
Hotel Miraya
Hotel Ankur Palace
Hotel Radha Palace
Hotel Holiday Home
Hotel Golden Inn
Bunkstop Jaipur
Backpackers Villa Jaipur
Blue Beds Hostel
HOZTEL JAIPUR
goStops Jaipur
चोखी ढाणी, गुलाबी शहर जयपुर (Chokhi Dhani, Pink City Jaipur)
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Chokhee dhaanee ka arth kya hai?
chokhee dhaanee, jisaka arth hai villagai utkrsht gaanv ’, bachchon sahit poore parivaar ke saath ghoomane ke lie ek nakalee raajasthaanee gaanv ka mela, bhojan aur ek mazedaar jagah hai. yah raajasthaan kee jeevant bhaavana ko kaipchar karane aur ek paripoorn raajasthaanee anubhav sunishchit karane kee avadhaarana hai.
chokhee dhaanee gaanv ka pravesh shulk Rs. vayaskon ke lie prati vyakti 700.0, bachchon ke lie 400.0 prati bachcha (25 pheet se 35 pheet) bachchon ke lie, is jagah kee pravesh tikat kee keemat apane shuruaatee samay ke dauraan jagah mein pravesh karane aur jaane ke lie aadhikaarik shulk hai.
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dance performance.
bhaarateey kalaabaajee show
bioschopai.
photograaphee.
chaukee dhaanee jayapur se kitanee door hai?
around 22-25 kms
kya ham chokhee dhaanee mein rah sakate hain?
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पत्रिका गेट / Patrika Gate
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2 comments
Bahut badiya
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